डेस्क न्यूज़: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में भड़की हिंसा का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। गुरुवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए सीजेआई एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की तीन जजों की बेंच ने UP सरकार से यह कहते हुए एक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा कि इस मामले में कौन आरोपी है, और किसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। कौन गिरफ्तार किया हैं। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि एक एसआईटी का गठन किया गया है और एक सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया गया है, ताकि स्थिति रिपोर्ट भी दाखिल की जा सके। सुनवाई शुक्रवार को भी जारी रहेगी।
लखीमपुर खीरी हिंसा में अपने बेटे को खोने वाली बीमार मां के तत्काल इलाज की व्यवस्था करने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को लखीमपुर खीरी हिंसा में अपने बेटे को खोने वाली बीमार मां के तत्काल इलाज की व्यवस्था करने का भी आदेश दिया। राज्य से स्थिति रिपोर्ट में हाईकोर्ट में लंबित जनहित याचिका की स्थिति पूछी गई। सुनवाई के दौरान सीजेआई रमना ने कहा, ‘दो अधिवक्ताओं ने मंगलवार को अदालत को पत्र लिखा था जिस पर हमने अपनी रजिस्ट्री को पत्र लिख जनहित याचिका के तौर पर दर्ज करने का निर्देश दिया था, लेकिन गलतफहमी के चलते इसे स्वत: संज्ञान लेकर मामला दर्ज किया गया।
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विपक्ष के समाधान नेता इस घटना का फायदा उठाना चाहते हैं। ताजा खबर यह है कि अखिलेश यादव लखीमपुर खीरी के लिए रवाना हो गए हैं। बुधवार को राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा ने किसानों से मुलाकात की। आशंका जताई जा रही है कि इस दौरान भी कोई बड़ा बवाल हो सकता है।
प्रियंका वाड्रा ने भी गुरुवार को एक बयान जारी कर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी से इस्तीफा मांगा। प्रियंका का कहना है कि वह न्याय के लिए लड़ रही हैं। पीड़ितों से मिलने के बाद राहुल गांधी ने भी कहा था कि पीड़ित न्याय की मांग कर रहे हैं। इसका जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर ने कहा, ”राहुल गांधी को नहीं पता कि वह क्या कह रहे हैं या नहीं। जब वे लोग इससे सहमत हैं तो ऐसी बात कहने का क्या मतलब है कि वे कह रहे हैं कि न्याय चाहिए। लोगों को न्याय मिलेगा, सरकार जांच कर रही है, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
लखीमपुर खीरी हिंसा कांड
रविवार को लखीमपुर खीरी में एक एसयूवी से चार किसानों को कुचलने का मामला सामने आया जिसमें 4 किसानों की मौत हो गई और कुछ किसान घायल भी हुए। बताया गया कि जब किसान केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे थे तो एक समूह ने यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ प्रदर्शन किया था। इसी दौरान यह घटना हुई। गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर दो भाजपा कार्यकर्ताओं और एक ड्राइवर की पिटाई कर दी, जबकि हिंसा में एक स्थानीय पत्रकार की भी मौत हो गई।
इस मामले में तिकोनिया थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा और अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। किसान नेताओं ने दावा किया है कि आशीष उन कारों में से एक में थे, जिनसे कथित तौर पर प्रदर्शनकारियों को कुचला गया था, लेकिन मंत्री ने आरोपों से इनकार किया है।
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